दर्दे दास्तान
एक गोर्खा सहिद हो तो विश्वमे हलचल होती हि है क्यो की कौनसी युद्ध है , जो ईन्होने नहि लड़ी? चाहे gorkha हो चाहे gurkha हो चाहे goorkha क्यो न हो! पर खुन तो एक है,, राष्ट्र अलग पर अपने अपने राष्ट्र के शान है वो! एक एक पानी के वुन्द के लिये तड़पते पर दुश्मन से भिख मागंना सिखा नहि। जान की बाजी लगाई हमने ना की सिखा पिछे भाग्ना हाँ! पर हमारी शुख शौलियत के लिये भले हि हुई हो नादानी! फिर भी शेर के बच्चे चाहे भुखे हो शेर आखिर शेर हि है! अपना गुस्सा चेहेरे मे झलकता पर है गान्थी और मन्डेलाका चेला शिश झुकाता बलिदान चाहता देश पर सहुलियत कि वाते करें तो! तो सरकार कहती है सोच रहे है! बाते विचाराधिन है पर पुरे कब करेगें और कहेते है ! करो मन की वातें! बात पते की है! सुनो शाशक! ईनको स्वछ् पानी दो! ईनको स्वछ् वातवरण दो! ईन्को स्वच्छ पहेचान दो! ईन्मे दिख्ती देश भक्ती । कसम से देश! तेरी मिट्टी की खुशवु ईन्हे देना! प्यार की मिठी खुशवु ईन्हे देना ! सच की वानी ईन्हे देना! देश भक्ती ईनमे है यह सच सबको है समझलेना!!!!