कावुलीवाला
ओ मामा कावुलीवाला!
आज तेरा देश का हालात देख
रोना आया मुझे!
मंगलबार का दिन होया करता था
तेरे बक्सा मे सन्देस मेरे लिये
टिफीन मेरा वही था!
तु सुनाया करता था कावुल समाचार
मै हँसती थी सुन तेरे भाषा
कुछ समझ न आता था!
आज मै सुन रही हु समाचार काबुल!
तालेवानीयों का कब्जा
दुःख हुवा हुकुमत को देख!
तेरे सान और ईमान्दारी सुना था
पर पैसो के ढेर लेकर भाग्ने वाला हुकुमत!
क्या ईज्जत रहेगया मामा!
पर तुम ईमादारी से दो रोटी खाते
हस्ते हसाते मेरे देश में
अपना ईमान के साथ!
हाँ मलाला का बात सुनले संसार
काबुल की बेटीयों का कर रक्षा
दौड़ रहें है चारो ओर भक्षक!
प्रभो रक्षा कर मेरे मामा के बेटीयों को!
हिम्मत भेज रही हुँ मेरे बतन से
मेरे देश का शाहास तुझे मिले!
दुष्ट अत्यचारी के आगे ना झुकना
एक को हि सही सफाया करना
मेरी दुवावो मे तुम हो!
मेरे शक्तीयों मे तुम हो
मेरे आका सुन रहा है तो
ईन बच्चीयों का साथ देन!
दुवा करती हु तुम्हारी सुरक्षा की
दुवा करती हुँ अमन चैन की।
मामा! तेरे बतन की रक्षा खातिर
लौट जा अपना देश!
शन्देश तेरे बेटीयों को खिला
ईमान और शक्ती उने प्रदान कर
आज तेरा साथ उन्हे दे,
कर रक्षा बेटीयों का!
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