कुरबानी
सहिदो की कुरबानी
यह मिट्टी के लिये है!
हमारी देश के हर नागरिक की
आँखे आज सहिद की परिवार
प्रति नम जरूर है!
पर एक एक खुन की वुन्द
यह देश के लिये कुरबान है
डटे रहेना मेरे भाई!
आप के हौसला और
बहादुरी के लिये
हर एक परिवार ईश्वर-
अल्ला से दुवा मागंते है!
उन्हे शक्ती दे!
हमारी उमर उन्हे लगे
हिम्मत वुलन्द हो!
भारत माँ के सपुत!
आतकंबादको
जड़ से मिटा दे
तेरी गोदी मे खिले हर
फूल खुशबु मे जिये
ना कि नफरत मे
धर्म निरपेक्ष कि
मिसाल विश्व मे
है ये मेरे वतन !
जन जन को हिलाना!
वुरे नजर बाले!
जनगनना कि
गिन्ती सिख आना
हर एक माँ का
सपुत सिपाही है
जरूरत मे माँ
ने उठाई तलवार
लक्षमी वाई!
सावित्री देवी
राम अर्जुन की
कथा सुन के आना
गोर्खा, सिख,
पञ्जावी सिन्ध, मराठा
यह सब के पाठ
पड़कर आना!
हमारी उङ्गली
पाँच है
दो जोड़े तो दश
और नमन है!
सिधी रखे तो
भिन्न भिन्न
पर मुठ्ठी मे बधें है हम
जब जब भी ,
वुरी नजर हम पे पड़े!
हर एक जवान
की कुरबानी से,
सिमा की लकिरे
मजबुत दिखते है
सहिद की परिवार!
हम सब की आँखे
आज नम है
पर हौसले वुलन्द है
जै जवान! जै हिन्द!!
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