हँसना
हँसना
हँसना सिखा
बस हँसना सिखा
जिवन मे ईस के
अलावा कुछ ना सिखा!
आँखो मे नमी कम है
सायद पहाड़ो में हिम नहि
क्या फरक पड़ता है
गम कि गिन्ति कम करें!
दौड़ना सिखा बस दौड़ना
जमाना पिछे हम आगे
क्या फरक पड़ता है
मञ्जिल मैं आगे जमाना पिछे!
भाग दौड़ तो कम नहि
पर हक जमाने के लिए
हात बाँधे आशमा देखें ये तो
कोहि शुत्र बताए मुझे!
ना उमर देखा ना जमाने
निरन्तर उसिको देखा
कहाँ है अन्त और कहाँ मञ्जिल
बस हँसना सिखा भाई हँसना!!
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