किशान
देश
देश है तो किशान है
देश है तो जहान है
देश है तो राशन है
देश है तो अरमान है।
दिल्ली सिर्फ आप का नहि
सभी देश वासियों का शान है
अरमान है, अभिमान है!
देशकी तन्त्र न्यायलय
नियन्त्रित करती है,
जब बात वहाँ पहुच गयी
तो अब आप सब्र करो,
घर लौट जावो किशान!
प्रधान एक मशिनका पुर्जा है,
पार्टी अनेक है ईसकी नश,
पर चुनाव को ईस से
नहि जोढ़े तो मजबुत होगी हात!
यह छोटा देश नहि है
ईतनी छोटी बातों मे ना लड़ो
अक्सीजन बड़ाने की मांग करो,
थार मे अन्न उगाने की मांग करो
यह आवाज होनी चाहिये बुलन्द!
कश्मिर में फुलों की वर्षात
होनी चाहिये!
अब लौट जावो घर
छोटी - छोटी बिज ईन्तजार में है,
उनको सहेलावो, मिट्टी पानी दो,
फिर डेढ़ साल के बाद,
हरा- भरा घर आँगन परिवार को छोड़
आना दिल्ली बोडर में
अपना धांक जमाना!
चुनाव अनाज बिन नहि लड़ी जाती
सिधान्त के पक्के हो तो,
आप की जित निश्चित है!
पर रोने से कानुन नहि बदलते।
बात को सम्झो,
आप को उस्काने बाले
भाग जायेगें , छुप जायेगें
पर वह नन्ही परि अंकुरीत
होने से पहले, मर जाएगी!
देश है तो ईमान है
देश है तो लक डाउन
मे भी सभी के घर अनाज है।
फिर यह स्थिति नहि आएगी?
आप हमे क्या पता है?
देश है तो हि हम हैं!
कानुन सभीको एक है
देश की रक्षा हमारी रक्षा,
Comments
Post a Comment