बार बार
दिल मे बुलाले उन्हे बार बार
मुलाकात होगी बार बार
सिकायत न सिकुवा किसी से
बातें करलें बार बार!
समन्दर कि लहेरें आति बार बार
आँखो में नमी बार बार
रिस्ते को पलने दे मन मन्दिर मे
पुजा हो बार बार!
यु तो दिल की धड़कन रोक दु बार बार
हवाको वहने दे बार बार
परछायी है सुन्दर चाँदनी रात मे
ईसे रोक दु मैं बार बार!
मन मन्दिर की कहानी सुनाउ बार बार
उन की आहट होती बार बार
परछाई तो वस एक ही बुलाउ
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