मेहन्दी

मेहन्दी चमकति है
पत्थर मे घिस जाने के बाद
याद तेरी सताति सदा
मेहन्दी हातो से मिट जाने के बाद

सावन जरा आहिस्ता
तेज वर्षात मे रूक गया फरिस्ता
महेफिल तो जमी शानदार
पर हर एक पल थी अधुरा ईन्तजार

छत गिरा नदीयाँ वेहाल
पानी की बुँदे तबदिल हुयी यादो मे
ठहर गया दिल वादो मे
चल हट! फिर मिलेगें अगली वर्षातो में😊😊😊

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